2024-04-27

ये दुनिया इक मेला

ये दुनिया इक मेला
चार दिनों के रँग
फिर संध्या की  बेला 

        -सोनम यादव

रसिया संग साया है

रसिया संग साया है
होली के रंग में
रंग छलिया आया है
-
        हंस जैन

2024-04-18

मन की धुन सुन प्यारे

मन की धुन सुन प्यारे
 कहता है साँची
उस पर‌ चलता जा रे

        -नेहा कटारा पाण्डेय

तुम दूर न अब जाना

तुम दूर न अब जाना 
होली का मौसम
मन मेरा रँग जाना 

    -किरन सिंह

तालाब बहुत गहरा

तालाब बहुत गहरा
तट ने बाँध रखा
चुपचाप वहीं ठहरा

        -अमिता शाह 'अमी'

अपने रूठा करते

अपने रूठा करते
नेह छलकता दिल
गुस्सा झूठा करते

        -अमिता शाह 'अमी'

2024-04-17

खड़ताल बजावे है

खड़ताल बजावे है
जोगन बरखा ये
संगीत सुनावे है!

        -मधु गोयल

भँवरों की गुन-गुन से

भँवरों की गुन-गुन से 
कलियाँ बहकी हैं 
यौवन की धुन सुनके

        -ममता मिश्रा 

ये बादल आवारा

ये बादल आवारा
पंछी सा फिरता
नभ में मारा-मारा

        -मधु गोयल

रवि राका में झलके

रवि राका में झलके
शरद पूर्णिमा है
घट अमृत का छलके

        -अमित खरे

कल मौसम बदलेगा

कल मौसम बदलेगा
धुंध छटेगी तब
ये पारा पिघलेगा

    -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-15

अनगढ़ अनजानी है

अनगढ़ अनजानी है
राहें जीवन की
अपनी बेगानी है

        -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

2024-04-12

चिड़ियाँ क्यों गाती हैं

चिड़ियाँ क्यों गाती हैं
रोज सुबह उठकर
कुछ गीत सुनाती हैं

               -चन्द्रभान मैनवाल

गाते हैं हुरियारे

गाते हैं हुरियारे
चहक उठे रे मन
होली खेलें सारे

        -शेख़ शहज़ाद उस्मानी

मन याद सदा रखना

मन याद सदा रखना
जो भी बाँटा है
इक दिन वो ही मिलना

        -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

सब दिन सतरंगी हों

सब दिन सतरंगी हों
रातें हों प्यारी
प्रेमी जब संगी हों 

    -किरन सिंह

हम दूर कहीं जाएँ

हम दूर कहीं जाएँ
दोनों ही प्रेमी 
अपनी दुनिया पाएँ 

    -किरन सिंह

माना मैंने माना

माना मैंने माना
अर्थ है जीवन का
बस आना और जाना 

-वंदना कुँअर रायज़ादा

2024-04-09

शीतल बयार लाए

शीतल बयार लाए
सुरभित वे यादें
मन मेरा महकाए

        -अचला झा

यादों का क्या कहना

यादों का क्या कहना
समय चुरा कर के
चुपके से है बहना

        -रीमा दीवान चड्ढा

मौसम आते जाते

मौसम आते जाते
चलते जीवन में
यादों को सहलाते

        -विद्या चौहान

वो चाँद शरद चहका

वो चाँद शरद चहका
जादू क्या रुत में
रहता बहका बहका

        -विद्या चौहान

माटी का पुतला हूँ

माटी का पुतला हूँ
होना है माटी
ये सोच न बदला हूँ

        -नेहा कटारा पाण्डेय

जो लोग चले जाते

जो लोग चले जाते
इस दुनिया से जब
वो लौट के कब आते

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

पनघट पर छूट गया

पनघट पर छूट गया
दिल चुपके कोई
हँस करके लूट गया

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

मौसम ने हद कर दी

मौसम ने हद कर दी 
घूम रहा पहने 
वो सर्दी की वर्दी

        -आभा खरे

होगी अब कुड़माई

होगी अब कुड़माई
सोच रही सरसों
मन ही मन शरमाई

        -विद्या चौहान

मौसम मनरूप लिये

मौसम मनरूप लिये 
आँगन उतरी है 
बासंती धूप प्रिये 

        -आभा खरे

बरसाने की ग्वालिन

बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन

        -सुधा राठौर

होता है मौन मुखर

होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर

        -सुधा राठौर

2024-04-08

मौसम कैसा आया

मौसम कैसा आया
घातक रोगों से
मेरा मन घबराया

        -डॉ. मंजू यादव

अतरंगी वो वादे

अतरंगी वो वादे
ढ़लते ख्वाबों में
कुछ पूरे कुछ आधे

        -अचला झा

दिल से दिल मिलते हैं

दिल से दिल मिलते हैं
रंग भरे मौसम 
सपनों के खिलते हैं

        -आभा खरे

बहका-सा मौसम है

बहका-सा मौसम है
कैसे होश रहे
पलकों पे शबनम है

        -अविनाश बागड़े

साँसों का तराना है

साँसों का तराना है
जब तक है संग में
हमको तो गाना है
  
        -रीमा दीवान चड्ढा

आलम ये मत पूछो

आलम ये मत पूछो
क्या-क्या जतन किये
मिलने को, मत पूछो !

        -आभा खरे

भौंरे मन के काले

भौंरे मन के काले 
चूमें कली-कली 
पीते मय के प्याले 

        -डॉ. अनिल सक्सेना

नारी कब हारी है

नारी कब हारी है
ऐसा तप इसका
दुनिया बलिहारी है

    -नेहा कटारा पाण्डेय

जब हिल-मिल जातीं हैं

जब हिल-मिल जातीं हैं 
सास-बहू मिलकर 
घर स्वर्ग बनातीं हैं 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

आशीषों को पाऊँ

आशीषों को पाऊँ
जीवन के पथ पर 
आगे बढ़ती जाऊँ

        -वंदना कुँअर रायज़ादा 

होली तो अब हो ली

होली तो अब हो ली 
रंग गुलाल लिए
आई छलिया टोली

    -किरन सिंह

महलों में मधु कलियाँ

महलों में मधु कलियाँ
रंग-बिरंगी सी
लगतीं चंचल परियाँ

        -सुषमा चौरे

महकी-महकी गलियाँ

महकी-महकी गलियाँ
माही के आते
खिल जाती हैं कलियाँ 

  -किरन सिंह

साजन जब आन मिले

साजन जब आन मिले
तब मेरे मन के
उपवन में फूल खिले

            -हंस जैन 

मानी रूठी सजनी

मानी रूठी सजनी 
साजन ने ला दी 
जब मोती की नथनी

    -डॉ. नितीन उपाध्ये 

चूड़ी कंगन बाली

चूड़ी कंगन बाली 
लाई गोरी के 
इन गालों पर लाली

        -डॉ. नितीन उपाध्ये 

सूरज तो जाएगा

सूरज तो जाएगा 
ऊर्जा भर मन में 
कल वापस आएगा

        -डॉ. नितीन उपाध्ये 

बस साथ निभाना है

बस साथ निभाना है
सुख-दुख दोनों से
बढ़कर याराना है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

सपनों में आए तुम

सपनों में आए तुम 
एक नज़र देखा
फिर हुए कहाँ तुम गुम 

  -किरन सिंह

बासंती रंग चढ़ा

बासंती रंग चढ़ा
सीमा का प्रहरी
है पगड़ी बाँध खड़ा

    -शर्मिला चौहान

बासंती रुत आई

बासंती रुत आई
देख रही बगिया
कलियों की अँगड़ाई

        -मीनाक्षी कुमावत मीरा

जब उम्र ये पूरी है

जब उम्र ये पूरी है
अमृत क्यों खोजूँ
मरना भी ज़रूरी है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी 

जीवन वो कहानी है

जीवन वो कहानी है 
जितनी जान सके
उतनी अनजानी है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी 

है कैसी डगर जीवन

है कैसी डगर जीवन 
ठोकर ही ठोकर
बस उलझन ही उलझन

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

इस दर्द की बस्ती में

इस दर्द की बस्ती में 
खो जाऊँ कैसे 
अपनी ही मस्ती में 

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

जीवन इक लोरी है

जीवन इक लोरी है
झूला सपनों का
औ वक्त की डोरी है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी 

विश्वास करो मेरा

विश्वास करो मेरा
जिस से जिंदा हूँ
वो प्यार है बस तेरा

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

पीड़ाओं का घर है

पीड़ाओं का घर है
जो भी है दुनिया
रहना तो यहीं पर है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

मायूसी छलकेगी

मायूसी छलकेगी
तोड़ लो आईने
ये शक्ल न बदलेगी

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

क्या प्यार का जादू है

क्या प्यार का जादू है
सारी दिशाओं में
तेरी ही ख़ुशबू है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

कुछ टूटे सपने हैं

कुछ टूटे सपने हैं
कुछ धुंधली यादें
बस ये ही अपने हैं

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

वोटों की मेहरबानी

वोटों की मेहरबानी
‘अपराधी जी’ की
संसद में अगवानी

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

शासन यूँ चलता था

शासन यूँ चलता था
भेष बदल.. राजा
गलियों में टहलता था

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

मरुथल तो तरसता है

मरुथल तो तरसता है
आवारा बादल
सागर पे बरसता है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

बस ये ही तरीका है

बस ये ही तरीका है
दिल में रंग भरो
वरना सब फीका है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

देखो भर मत सपने

देखो भर मत सपने
वो तरकीब करो
सब सपने हों अपने

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

जो लोग शिखर पर हैं

जो लोग शिखर पर हैं
काश उन्हें देखें
जो नींव के पत्थर हैं

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

आकाश धरा झूमे

आकाश-धरा झूमे 
स्वर्ण-कलश ढलका 
रवि-किरणें जल चूमें 

    -सोनम यादव

भक्ती के उजियारे

भक्ती के उजियारे 
दहन होलिका में
पाखंड-कपट हारे 

        -सोनम यादव

जग-रावन भरमाए

जग-रावन भरमाए 
नैना स्वर्ण-हिरन
मन-सीता हो जाए 

        -सोनम यादव

2024-04-07

बिटिया के आने से

बिटिया के आने से
महक उठी बगिया
पायल खनकाने से

            -पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'

मौसम फगुआ आया

मौसम फगुआ आया
प्रेमी-मन खेलें
साजन पर रँग छाया 

  -किरन सिंह

2024-04-05

गदराई पुरवाई

गदराई पुरवाई
बहकी फिरती है
प्रेमी-सी पगलाई

        -सुषमा चौरे

कुछ बात करो साथी

कुछ बात करो साथी
खामोशी क्यों है 
कुछ समझ नहीं आती

            -हंस जैन

रंगों संग मुस्काना

रंगों संग मुस्काना 
बैर भुला मन से
तन पे रंग लगवाना

        -सोनम यादव

पाखंड मिटें मन के

पाखंड मिटें मन के
दंभ जलाओ जब
होली में सब मिल के

        -सोनम यादव

आने वाला सावन

आने वाला सावन 
पीहर की सुधियाँ
लाने वाला आँगन

    -सोनम यादव

महकी है अमराई

महकी है अमराई 
बौराई अमिया
कोयल है शरमाई

        -सोनम यादव

2024-04-04

दीपक जब जलता है

दीपक जब जलता है
आँधी तूफां से
वो फिर कब डरता है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

लंबी काली रातें

लंबी काली रातें 
गूँजें कानों में 
आकर तेरी बातें 

        -डॉ. अनिल सक्सेना

वो कौन इकाई है

वो कौन इकाई है 
नाप सके दिल की
कितनी गहराई है 

  -हंस जैन

2024-03-31

कच्चे घर प्यारे थे

कच्चे घर प्यारे थे 
उनमें प्यार बसा
वे लगते न्यारे थे 

  -किरन सिंह

पर्वत-घाटी छोड़े

पर्वत-घाटी छोड़े 
सागर से मिलने 
नदिया भागे-दौड़े 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

2024-03-28

चिड़ियाँ दाना चुगतीं

चिड़ियाँ दाना चुगतीं 
पेट भरे जितना
ना संचय कर रखतीं 
 
        -डॉ. नितीन उपाध्ये

इस दुनिया की माया

इस दुनिया की माया 
क्षण भर की मितरा  
ज्यों बादल की छाया 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

खेलो कान्हा होली

खेलो कान्हा होली 
सखियाँ आयीं  हैं 
राधा की हमजोली

    -किरन सिंह

2024-03-26

चंदा सज धज आया

चंदा सज धज आया 
रौशन है आँगन 
सँग तारे भी लाया 

        -किरन सिंह

माही मेरे माही

माही मेरे माही 
तुझसे मिलने को
मैं बनी प्रेम राही 

    -किरन सिंह

सरसों हिलकर बोली

सरसों हिलकर बोली
छोडो़ सब झगड़े
अब आयी है होली

       -डा० जगदीश व्योम 

2024-03-23

सरसों का अँगड़ाना

सरसों का अँगड़ाना
टोना मार गया
कोयलिया का गाना

       -डा० जगदीश व्योम

जिसको अपना माना

जिसको अपना माना
जान नहीं पाये
निकला वो बेगाना

        -हंस जैन

2024-03-22

हँस-हँसकर वार करे

हँस-हँसकर वार करे
भोली-सी सजनी
जीना दुश्वार करें

    -नेहा कटारा पाण्डेय

पल-पल का रस पी ले

पल-पल का रस पी ले
कल किसने देखा
आ ! आज अभी जी ले

            -हंस जैन

हर हार सिखाती है

हर हार सिखाती है
ग़लती सुधरी तो
मंज़िल मिल जाती है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

जूते लेकर साली

जूते लेकर साली
जीजा से बोली
अब जेब करो खाली

        -हंस जैन

बेटी घर आयी है

बेटी घर आयी है
रौनक है छाई 
खुशियाँ भर लायी है

    -रूबी  दास 

गेंहूँ गदराया है

गेंहूँ गदराया है
बालीं थिरक रहीं
फागुन बौराया है

       -डा० जगदीश व्योम 

आँगन भी थे कच्चे

आँगन भी थे कच्चे
घर थे माटी के
पर रिश्ते थे सच्चे

        -सुषमा चौरे

2024-03-21

होली में तुम आना

होली में तुम आना
टोली में घुस कर
हमजोली बन जाना

        -शेख़ शहज़ाद उस्मानी

मधुमास बड़ा प्यारा

मधुमास बड़ा प्यारा 
प्रेमी दिल मिलते
मधुवन खिलता सारा 

    -किरन सिंह

सदियों से घर सूना

सदियों से घर सूना
राम पधारें तो 
आनन्द मिले दूना

            -वंदना कुँअर रायज़ादा

दुःख-सुख का रेला है

दुःख-सुख का रेला है
चार दिनों का ही
दुनिया का मेला है!

        -मधु गोयल

रोगी तो मन का है

रोगी तो मन का है 
वैदा भरमाये 
ढूँढ़े वह तन का है

        -रंजना झा

आओ ये पल जी लें

आओ ये पल जी लें 
छलकें प्यार भरे
ये प्याले हम पी लें

        -डॉ. अनिल सक्सेना

ये पेड़ अजूबे हैं

ये पेड़ अजूबे हैं
देकर हरियाली
सूखे से जूझे हैं

        -नेहा कटारा पाण्डेय

हम भारत के वासी

हम भारत के वासी
मन में रहती है 
गंगा, मथुरा, काशी
  
  -डॉ. नितीन उपाध्ये

राहों में खिलते हैं

राहों में खिलते हैं
फूल किनारे पर
माली बिन पलते हैं

        -अमिता शाह 'अमी'

ये चाय मसाले की

ये चाय मसाले की
सुबह-सुबह देती
ऊर्जा मतवाले की

        -अमिता शाह 'अमी'

2024-03-17

परदेसी घर आजा

परदेसी घर आजा
बहुत कमाया धन
माँ तकती दरवाजा

        -सुषमा चौरे

2024-03-16

आहट फगुनाई की

आहट फगुनाई की
चितवन रंग भरे 
मस्ती पुरवाई की 

        -सोनम यादव

क्या हँसी-ठिठौली थी

क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी 

-शशि पाधा

होली के रंग उड़े

होली के रंग उड़े
नयनों की नगरी
सुख सपने आन जुड़े

-शशि पाधा

सुर चैती-होरी के

सुर चैती-होरी के
मीठे गान सजे
अधरों पे गौरी के

-शशि पाधा

रुत छैल छबीली-सी

रुत छैल छबीली-सी
पनघट आन खड़ी
हर नार सजीली-सी 

-शशि पाधा

ढोलक मंजीरा-सा

ढोलक मंजीरा-सा
रंगों से भीजा
तन दमके हीरा-सा

-शशि पाधा

मौसम मनमाना-सा

मौसम मनमाना-सा
रह-रह छेड़ रहा
वो गीत सुहाना-सा

-शशि पाधा

मुख लाल गुलाल हुआ

मुख लाल गुलाल हुआ
किसको देख लिया 
क्यों ऐसा हाल हुआ 

-शशि पाधा

जादू संगीत हुआ

जादू संगीत हुआ
पल दो पल में ही
बेगाना मीत हुआ

-शशि पाधा

2024-03-12

गातीं हैं चौमासा

गातीं हैं चौमासा
विरहिन गाँवों में
सावन में मन प्यासा

        -जयंती कुमारी

बादल तो पागल है

बादल तो पागल है
धरती की देखो
भर देता छागल है

        -अंशु विनोद गुप्ता

बूँदों की लड़ियाँ हैं

बूँदों की लड़ियाँ हैं 
धरती अम्बर को
जोड़े ये कड़ियाँ हैं 

        -निशा कोठारी

झंडे की शान रहे

झंडे की शान रहे
निज सम्मान रहे
गणतंत्र महान रहे

        -अमित खरे

सुख-दुख से नाता है

सुख-दुख से नाता है
आँसू का बहना
सबकुछ कह जाता है

        -सुधा राठौर

सुख का सपना होना

सुख का सपना होना
लहरों की घातें
नम नैनों से कहना

        -विभा रानी श्रीवास्तव

गुड़हल के फूल खिले

गुड़हल के फूल खिले
माँ के आने के
मोहक संदेश मिले

        -अमित खरे

चोरी चोरी चुपके

चोरी चोरी चुपके
जीवन को जी लें
थोड़ा सा छुप-छुपके

        -अविनाश बागड़े

छत से देखूँ तुझको

छत से देखूँ तुझको
आजा रे सजना
चंदा लगता मुझको

    -शर्मिला चौहान

जोड़ा या घटाया है

जोड़ा या घटाया है
चलती साँसों में
सजना को पाया है
  
    -बुशरा तबस्सुम

गाँठों का खुल जाना

गाँठों का खुल जाना
मन पर बोझ लिये
मुश्किल था जी पाना

        -सुधा राठौर

2024-03-11

भय की है बात नहीं

भय की है बात नहीं
जब दीपक जलता
मिट जाता तमस वहीं

        -प्रतिमा प्रधान

तू मेरी सौग़ातें

तू मेरी सौग़ातें 
तू ही तो सपना 
मीठी तेरी बातें 

    -डॉ. सुनीता यादव

बाग़ों में हैं झूले

बाग़ों में हैं झूले 
कैसे आऊँ सखि 
साजन तो हैं भूले

    -डॉ सुनीता यादव

कजरा बह जाता है

कजरा बह जाता है
तेरी याद लिए
गजरा रह जाता है

    -डॉ. मंजू यादव

ना ही मैंने जाना

ना ही मैंने जाना
ना तू जाने, फिर
कैसा ताना बाना

    -संतोष भाऊवाला

तारा नभ से टूटा

तारा नभ से टूटा
राज बताना तुम
वो काहे को रूठा

    -अविनाश बागड़े

बैरन हैं ये अँखियाँ

बैरन हैं ये अँखियाँ 
नेह लगा पिय से 
छेड़ें हैं सब सखियाँ

    -सोनम यादव

यह फूलों की क्यारी

यह फूलों की क्यारी 
महकी ख़ुशबू से 
मन मेरा बलिहारी 

        -चित्रा गुप्ता 

कलियाँ मुस्काती हैं

कलियाँ मुस्काती हैं
देख के भँवरे को
खुद पे इतराती हैं

   -आलोक मिश्रा

बादल घहराते हैं

बादल घहराते हैं
कजरी की धुन पर
बूंदें बरसाते हैं

    -जयंती कुमारी

झरनों से उछलती है

झरनों से उछलती है
नदिया, सागर से
मिलने को मचलती है

        -डॉ अर्चना पाण्डेय

मन से मन बात चली

मन से मन बात चली
बदल गया मौसम
बरसों की गाँठ खुली 

        -सुनीता अग्रवाल नेह

साये में यादों की

साये में यादों की
टीस उभरती है
साजन के वादों की

        -योगेन्द्र वर्मा

आँसू बन कर फूटे

आँसू बन कर फूटे 
नाज़ुक लम्हें थे 
हाथों से जो छूटे !

        -आभा खरे

सपनों के गुल बूटे

सपनों के गुल बूटे
ख़ुशियों को मेरी 
दुनिया तू क्यों लूटे ?

        -आभा खरे

सूरज मतवाला है

सूरज मतवाला है
किरणों संग फिरे
आशिक दिलवाला है

        -शर्मिला चौहान

कुछ कहते कुछ सुनते

कुछ कहते कुछ सुनते 
उल्फ़त में हम तुम 
इक ख़्वाब हसीं बुनते 

        -आभा खरे

आभास अनोखा है

आभास अनोखा है
तू ही तू दिखता
ये मन का धोखा है

        -सुरंगमा यादव

मधुमास मधुर छाया

मधुमास मधुर छाया
मन के उपवन में
कोकिल बन तू आया

        -सुरंगमा यादव

कल छत पर तुम आना

कल छत पर तुम आना
मीठे बोल सुना
दिल में ही बस जाना

        -डॉo सोनी वर्मा

जल बन के भाप चला

जल बन के भाप चला
नभ से टकराकर
पानी बनकर पिघला

        -ममता मिश्रा

पा कर भी जब खोना

पा कर भी जब खोना
टूटे सपनों का 
फिर क्या रोना धोना ?

        -आनन्द.पाठक

शब्दों को चुन लाता

शब्दों को चुन लाता
मेरा मन पाखी
रचना बुनता जाता

  -सुधा राठौर

मन की गति न्यारी है

मन की गति न्यारी है
पकड़ नहीं आए
कैसी लाचारी है

      -सुधा राठौर

ये मन क्यों बौराया

ये मन क्यों बौराया
चाहत अनजानी
फिरता है पगलाया

         -सुधा राठौर

फिरता बंजारा-सा

फिरता बंजारा-सा
भावों के पीछे
मन हारा-हारा सा

        -आभा खरे

तुमसे ही जीवन है

तुमसे ही जीवन है
कहने को बिटिया
अम्मा जैसा मन है

        -निवेदिताश्री

तुम मान बढ़ाती हो

तुम मान बढ़ाती हो 
दोनों ही कुल की
तुम शान बढ़ाती हो

        -आशा मोर

बेटी तुझको पाया

बेटी तुझको पाया 
लगता है मैंने 
ख़ुद को ही दोहराया 

        -मीनू खरे

बाबुल की प्यारी है

बाबुल की प्यारी है
महके घर आँगन
वेटी फुलवारी है

    -सुनीता अग्रवाल नेह

2024-03-10

कुमकुम पायल कँगना

कुमकुम पायल कँगना
उड़ने में लाडो 
बंधन अब कोई ना 

    -सुनीता अग्रवाल नेह

घर में जो आयी है

घर में जो आयी है 
उसका मान करो 
दूजे की जायी है 

        -सुरंगमा यादव

ख़ुशियों का क्या कहना

ख़ुशियों का क्या कहना
जीवन में इनको
है  कुछ  पल ही रहना 
   
        -किरन सिंह

बरगद की छाँव बड़ी

बरगद की छाँव बड़ी
छतरी बन करके 
आँगन में तान खड़ी

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

सावन के हैं झूले

सावन के हैं झूले 
पींग बढ़ा कर के
तू मेरा मन छू ले

    -डॉ. अनिल सक्सेना

काग़ज की नावों में

काग़ज की नावों में 
बह के जाता है 
मन मेरा गाँवों में 

    -डॉ. नितीन उपाध्ये

बादल तो बरस गए

बादल तो बरस गए
साजन सजनी से 
मिलने को तरस गए

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

मौसम करवट बदले

मौसम करवट बदले
हलचल है मन में
भौरों का दिल मचले

        -सुषमा चौरे

नव यौवन फूट रहा

नव यौवन फूट रहा
सुप्त पड़े पौधे
आलस अब छूट रहा

        -सुषमा चौरे

बासंती मन भाया

बासंती मन भाया
दहक रहा टेसू
जंगल है बौराया

        -सुषमा चौरे

झिलमिल-झिलमिल तारे

झिलमिल-झिलमिल तारे 
ओस भरी चादर
ओढ़े जंगल सारे

        -सुषमा चौरे

जुगनू जगमग करता

जुगनू जगमग करता
राह चले‌ अपनी
सूरज‌ से कब‌ डरता

       -नेहा कटारा पाण्डेय

साँवरिया का आना

साँवरिया का आना
आहट होते ही
धड़कन का बढ़ जाना

        -सुधा राठौर

आ बैठ करें बातें

आ बैठ करें बातें
लम्बी-लम्बी है 
विरहा की ये रातें

        -सुषमा चौरे

प्रेमी सब‌ हारा है

प्रेमी सब‌ हारा है
मीठी नदिया ने
सागर स्वीकारा है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

पाकर भी कुछ खोना

पाकर भी कुछ खोना
नदियों से सीखा
हमनें सागर होना

        -हंस जैन

पाकर तुमको खोना

पाकर तुमको खोना
दुख की बातें हैं 
जीवन भर का रोना

        -रूबी दास

माँ सब कुछ सहती है

माँ सब कुछ सहती है 
प्रीत उसी माँ की 
साँसों में बहती है 

    -किरन सिंह

कान्हा मथुरा आये

कान्हा मथुरा आये 
प्रेम गोपियों का
यादों में ले आये

    -किरन सिंह

तुमको जबसे खोया

तुमको जबसे खोया
यादों में तेरी
मन सिसक-सिसक रोया

        -हंस जैन

मदहोशी का आलम

मदहोशी का आलम
छाए हो मन के
मधुबन में तुम बालम

        -अल्पा जे तन्ना

ये सूरज बंजारा

ये सूरज बंजारा
भटके है दिन भर
ना कोई अँगनारा

        -मधु गोयल

होठों को रहने दो

होठों को रहने दो
बातें हैं दिल की 
आँखों से कहने दो

        -हंस जैन

बचपन है मस्ताना

बचपन है मस्ताना 
ना ताना बाना
खुशियों से याराना

    -संतोष  भाऊवाला

तेरे सँग-सँग सजनी

तेरे सँग-सँग सजनी
कब दिन बीत गया
कब बीत गई रजनी

        -हंस जैन

बागों में झूले हैं

बागों में झूले हैं
बालम तुम बिन हम
अपनी सुध भूले हैं

        -मधु गोयल

रवि! रूठो ना ऐसे

रवि! रूठो ना ऐसे
जाड़े के दिन हैं
यूँ काम चले कैसे!

        -मधु गोयल

वो दौलत वाले हैं

वो दौलत वाले हैं 
हमको क्या करना 
हम तो दिल वाले हैं

        -डॉ. नितीन उपाध्ये 

सच्चाई के आगे

सच्चाई के आगे 
केवल झूठ नहीं 
हर पाप यहाँ भागे

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

चींटी सिखलाती है

चींटी सिखलाती है
चलते रहने से
मंज़िल मिल जाती है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

सपनों में आते हो

सपनों में आते हो
आकर क्यों जाते
तुम खूब सताते हो

        -हंस जैन

महुआ टपटप झरते

महुआ टपटप झरते
बगिया है महकी
पंछी कलरव करते

        -रूबी दास

जीवन इक मेला है

जीवन इक मेला है
जान सका वो ही
जिसने यह खेला है

        -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

है कौन यहाँ अपना

है कौन यहाँ अपना
जगने पर देखा
सब है झूठा सपना

        -हंस जैन

पीहर की बात चली

पीहर की बात चली
कैसे ना बोलूँ 
ममता ही वहाँ पली 

  -किरन सिंह

कलियाँ खिल जातीं हैं

कलियाँ खिल जातीं हैं 
प्रेम राग सुनकर
भँवरों सँग गातीं हैं 

  -किरन सिंह

बिरहन दियरा बारे

बिरहन दियरा बारे
ज्योति जगे मन में
मिट जाएँ अँधियारे

        -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

बचपन की यादों से

बचपन की यादों से
दूर चले आये
मजबूत इरादों से

        -सुषमा चौरे

बचपन का सपना है

बचपन का सपना है
आओगे इक दिन
दिल कहता अपना है

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

होली जो‌ आई है

होली जो‌ आई है
याद‌ पिया को‌ कर
गोरी शरमाई है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

फूलों संग खिलने की

फूलों संग खिलने की
मिल जाओ साजन  
आई रुत मिलने की 

        -डी के निवातिया

आँखों में पानी है

आँखों में पानी है
सुख-दुख साथ लिए
 गम्भीर कहानी है

        -सुषमा चौरे

बीती जाये रैना

बीती जाये रैना
नैनो में नैना
कह भी दो जो कहना
        
        -हंस जैन

वो टूट के बिखरी है

वो टूट के बिखरी है
माँ तुम जैसी ही
चोटों से निखरी है

-सुषमा चौरे

होली में ख़त मेरे

होली में ख़त मेरे 
आज जला देना
फिर लेना तुम फेरे

        -सुषमा चौरे

बाबुल के ऑंगन की

बाबुल के ऑंगन की
बेटी है बुलबुल
कोकिल है साजन की

        -दया शंकर प्रसाद

मन नेह नयन पानी

मन नेह नयन पानी
माँ का घर छोड़े
प्रिय की बनने रानी

        -दया शंकर प्रसाद

जननी की प्यारी है

जननी की प्यारी है
बाबुल की तनया
रिश्तों में न्यारी है

        -दया शंकर प्रसाद

लगतीं बिटिया प्यारी

लगतीं बिटिया प्यारी
चहकें चिड़ियों-सी
महकें ज्यों फुलवारी

        -अमित खरे

भँवरा तो भँवरा है

भँवरा तो भँवरा है
एक कली पर ही
रहता कब ठहरा है

        -आनन्द पाठक

मधुमास सकल आया

मधुमास सकल आया
फूल खिले दिल के
लो भँवरा मँडराया

        -पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'

भँवरा तो आता है

भँवरा तो आता है
गुमसुम कलियों का
घूँघट खुलवाता है

        -डॅा. जगदीश व्योम

वो साथ निभाते हैं

वो साथ निभाते हैं
काँटे हैं अच्छे
जो ना मुरझाते हैं

        -अमित खरे

उड़-उड़कर आता है

उड़-उड़कर आता है 
भँवरा कलियों से 
गुप-चुप बतियाता है

        -आभा खरे

माही तो रूठ गया

माही तो रूठ गया
छत पर बैठी हूँ
दिल जैसे टूट गया

        -शेख़ शहज़ाद उस्मानी

सूखे गुल से महकी

सूखे गुल से महकी
साजन की पाती
जब आखर में बहकी

        -सुधा राठौर

जग का पालन हारा

जग का पालन हारा
भूखा बेचारा
फिरता मारा मारा

      -राय कूकणा

2024-03-09

तुमको अपना माना

तुमको अपना माना
दूर हुए जब तुम 
तब ही तुमको जाना

    -डॉ. अनिल सक्सेना

है डूबा सा सागर

है डूबा-सा सागर
खारे पानी में
ले अश्कों की गागर

        -अविनाश बागड़े

खुद से यूँ दूरी है

खुद से यूँ दूरी है
दर्पण भी कहता
पहचान अधूरी है

        -अमित खरे

रूठा न करो बालम

रूठा न करो बालम
तौबा! मुझको तो
तड़पाता ये आलम

        -मधु गोयल

अभियान माहिया का

अभियान माहिया का
छाया जादू-सा
मोहे मन दुनिया का

        -मधु गोयल

अभियान माहिया का

अभियान माहिया का 
लोक कथाओं से 
जोड़े मन दुनिया का

        -आभा खरे

बँटवारा तेरा था

बँटवारा तेरा था
चाँद तुम्हारा था
आकाश हमारा था

        -शिव मोहन सिंह

वो दिन भी क्या दिन थे

वो दिन भी क्या दिन थे
होठों पर नगमे
आँखों में सावन थे

        -शिव मोहन सिंह

पाई-पाई जोड़े

पाई-पाई जोड़े
विपदा आये तो
माँ गुल्लक को फोड़े

        -मधु गोयल

आँगन में धूप झरी

आँगन में धूप झरी 
गौरैया नाचे 
अम्मा गाए ठुमरी

        -ममता मिश्रा

बातों को बहने दो

बातों को बहने दो 
जो न कहीं तुमने 
दिल में ही रहने दो

        -ममता मिश्रा

पुरवाई रात बही

पुरवाई रात बही 
संग उड़ी लेकर 
बातें जो थीं न कही

        -आभा खरे

2024-03-06

चाहत है यारी है

चाहत है यारी है
बाकी तो माना
सब दुनिया दारी है

    -शिव मोहन सिंह

साजन अब आएँगे

साजन अब आएँगे 
फिर सावन के दिन
खुशियाँ महकाएँगे

    -डॉ. संजय सराठे

इक बार चले आना

इक बार चले आना
राह तके शबरी
प्रभु भूल नहीं जाना 
 
      -डॉ. मंजू यादव

परदेस गए सजना

परदेस गए सजना
दिन सावन के है
किससे ये गम कहना

    -अविनाश बागड़े

रिश्तों की होली में

रिश्तों की होली में
दर्पण जीत गया
इस आँख मिचोली में

    -अजय कनोडिया

स्कूल माहिये का

स्कूल माहिये  का
हमको सिखलाता
जीवन दो पहिये का

    -डॅा. जगदीश व्योम

सोना बनकर तपती

सोना बनकर तपती
निखर रही हर पल
नारी-सी है धरती

        -सुषमा चौरे

चल चल री ओ सजनी

चल चल री ओ सजनी
चल अब लौट चले
अब बीत रही रजनी

        -हंस जैन

तेरे मेरे सपने

तेरे मेरे सपने
जाने कब होंगे
सच में पूरे अपने

        -हंस जैन

ये प्रेम भरी नदियाँ

ये प्रेम भरी नदियाँ
पार उतरने में
लग जाती है सदियाँ

        -सुषमा चौरे

बेमौसम आती है

बेमौसम आती है 
बारिश फसलों को 
चौपट कर जाती है !

        -आभा खरे

सरसों अब पियराई

सरसों अब पियराई
ऋतु वसंत में जब
पाती पिय की आई 

    -किरन सिंह

बासंती फगुनाई

बासंती फगुनाई
बौराया मौसम
कोयल सँग अमराई

        -सोनम यादव

होगा जो होना है

होगा जो होना है 
सोचे जो कल का 
तो ये पल खोना है

    -डॉ. नितीन उपाध्ये 

छोड़ो दुनियादारी

छोड़ो दुनियादारी 
प्यारी है हमको 
बस यारों की यारी 

    -डॉ. नितीन उपाध्ये 

जीवन खुश हो जी लें

जीवन खुश हो जी लें
साजन संग रहें 
हम नेह सुधा पी लें 

        -किरन सिंह

मन हार नहीं माने

मन हार नहीं माने
कर्म करे जमकर
ये रार नहीं ठाने

        -नेहा‌ कटारा पाण्डेय

तुम शाम ढले आना

तुम शाम ढले आना
आँखों आँखों में 
कुछ बातें कर जाना 

  -किरन सिंह

छाये बदरा काले

छाये बदरा काले
बिजुरी चमक रही
बारिश डेरा डाले

        -रूबी दास

तुमसे उजियारा है

तुमसे उजियारा है
मैंने ये जीवन 
तुम पर ही वारा है 

            -रूबी दास

हे कमलासन माता

हे कमलासन माता 
तेरे पूजन से 
मन कलुष चला जाता 

           -किरन सिंह

हे माँ ऐसा कर दो

हे माँ ऐसा कर दो  
ज्ञान-चक्षु खोलो
सब में जीवन भर दो 

        -किरन सिंह

ढलती शामें कहतीं

ढलती शामें कहतीं
ये जीवन-बाती
बुझती जलती रहतीं

        -सुषमा चौरे

होलिका दहन करना

होलिका दहन करना
दंभ मिटा मन का
खुशियों का रंग भरना 

        -सोनम यादव

अब सोचा, अब कर लो

अब सोचा, अब कर लो
खबर कहाँ कल की
 दुख दूजों का हर लो

        -सुषमा चौरे

खट्टे-मीठे-खारे

खट्टे-मीठे-खारे
स्वाद भरा जीवन
महसूस हुए सारे

        -सुषमा चौरे

जन्नत जो हो पाना

जन्नत जो हो पाना 
माँ के क़दमों में 
सर रख कर सो जाना

        -डॉ. नितीन उपाध्ये 

रुत वासंती आयी

रुत वासंती आयी
तरुणाई कैसी
ये मन पर है छायी!

        -मधु गोयल

आयी रुत वासंती

आयी रुत वासंती
भेजी पत्तों ने
लिख प्रेम भरी पाती

        -मधु गोयल

रिश्ते धागों जैसे

रिश्ते धागों जैसे
ज़्यादा उलझे तो
सुलझेंगे फिर‌‌ कैसे

        -नेहा कटारा पाण्डेय

बाबा की लाठी है

बाबा की लाठी है
भाई की राखी
माँ सी कद काठी है

    -डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर

बाबुल की गौरैया

बाबुल की गौरैया
चहके जब बेटी
बलिहारी हो मैया
    
        -सुधा राठौर

बेटी करती वादा

बेटी करती वादा
खूब निभाऊँगी
दो कुल की मर्यादा

        -सुधा राठौर

बस ध्यान रहे इसका

बस ध्यान रहे इसका
बेटी को ब्याहो
मत दान करो उसका

        -सुधा राठौर

बिटिया घर आयी है

बिटिया घर आयी है
चलती अब देखो
मीठी पुरवाई है
 
        -निवेदिताश्री

पाखी चुगती दाना

पाखी चुगती दाना
छोड़ हृदय अँगना
इक दिन है उड़ जाना

        -विद्या चौहान

फिर-फिर उड़ आता है

फिर-फिर उड़ आता है 
भँवरा कलियों से 
गुप-चुप बतियाता है

        -आभा खरे

बरसे बादल थम के

बरसे बादल थम के
आज अचानक फिर
मेरे अंगना जम के

        -अविनाश बागड़े

बागों मे फूल खिले

बागों मे  फूल खिले 
महकी आज सदा
जीवन को आ छूले

        -पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'

पीली पगड़ी पहने

पीली पगड़ी पहने
ऋतुओं का राजा
आया मन को हरने

        -मधु गोयल

फूलों के खिलने के

फूलों के खिलने के 
आये है मौसम 
बागों में मिलने के

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

बिटिया को जाना है

बिटिया को जाना है
छोड़ चली माँ को 
ये रीत निभाना है 

        -किरन सिंह

बचपन के वो झगड़े

बचपन के वो झगड़े 
यारों के मुक्के 
जब पड़ते थे तगड़े

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

जब आधी अठन्नी में

जब आधी अठन्नी में 
बर्फी मिलती थी 
चाँदी की पन्नी में 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

चिड़िया उड़ जायेगी

चिड़िया उड़ जायेगी 
दाना-दुनका दो 
तब वापस आएगी 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

उर में मधुमास भरे

उर में मधुमास भरे 
होली का मौसम
रंगों की बात करे

        -सोनम यादव

झर-झर सावन बरसे

 झर-झर सावन बरसे
मौसम का जादू
प्रेमी मन क्यों तरसे 

        -किरन सिंह

सच हारेगा कैसे ?

सच हारेगा कैसे ?
हारे झूठ सदा,
ऐसे या फिर वैसे

        -अमित खरे

2024-03-05

काहे का इतराना

काहे का इतराना
तन है माटी का
माटी में मिल जाना

        -हंस जैन

बहुमत का ज़माना है

बहुमत का ज़माना है
लामबंद कौए
कोयल को हराना है

        -अमित खरे

रूठा-रूठी छोड़ो

रूठा-रूठी छोड़ो 
अरघ चाँद को दो 
निर्जल व्रत तुम तोड़ो !

        -मीनू खरे

रीझे तब मनमीते

रीझे तब मनमीते
चलनी से ताकें
जब राधा औ सीते

    -निवेदिताश्री

माटी मिल जाएगी

माटी मिल जाएगी
आत्मा तो नश्वर
नव तन ले आएगी

      -निवेदिताश्री

गलता है गल जाए

गलता है गल जाए
माटी का पुतला
माटी में मिल जाए

       -अचला झा

बगिया ये जीवन की

बगिया ये जीवन की
चार दिवस खिलतीं
कलियाँ ये यौवन की

        -सुरंगमा यादव

मद भरी जवानी है

मद भरी जवानी है
इसके ढलते बस
यादें रह जानी हैं

       -राम सागर यादव

मीठी ये यादें हैं

मीठी ये यादें हैं 
तेरे सावन की 
तन मन तड़पाती  हैं

        -डॉ.संजय सराठे

ऊँची सी डाली है

ऊँची सी डाली है
बैठा है पाखी
वो एक सवाली है 

        -पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'

रिमझिम सावन बरसे

रिमझिम सावन बरसे
राह तकूँ सजना
मिलने को मन तरसे

        -विद्या चौहान

ये दर्द किसानों का

ये दर्द किसानों का
कोई मोल नहीं
इनके अहसानों का

        -राम सागर यादव

जगती हैं जब चाहें

जगती हैं जब चाहें
मिल ही जाती हैं
अंजानी दो राहें

        -बुशरा तबस्सुम

तरसा लो तुम सइयाँ

तरसा लो तुम सइयाँ
जब दिख जाओगे
धर लूँगी मैं बइयाँ      
     
        -निवेदिताश्री

हम तो भोले भाले

हम तो भोले भाले
पावन ये नैना
तुम ही दिल के काले

        -अमित खरे

चन्दा बन जाऊँगा

चन्दा बन जाऊँगा 
दरस दिखाने को  
तुझको तरसाऊँगा!

        -मीनू खरे

थोड़ा सा धीर धरो

थोड़ा सा धीर धरो 
दूर नहीं हूँ मैं 
पलकें तो बंद करो

     -आभा खरे

अब दूर न जायेंगे

अब दूर न जायेंगे 
सुख-दुःख जीवन के
हम संग उठायेंगे 

        -सुरंगमा यादव

पाया है तुम्हें जब से

पाया है तुम्हें जब से
भाग्य बड़ा अपना
प्यारा लगता तब से 

        -सुरंगमा यादव

जन्मों के नाते हैं

जन्मों के नाते  हैं 
जब तुमको देखूँ 
नैना सुख पाते हैं

        -सुरंगमा यादव

ये प्रीत पुरानी है

ये प्रीत पुरानी है 
अधरों पर फैली
मुसकान निशानी है

    -डॅा. सुरंगमा यादव

पूरब में रवि आया

पूरब में रवि आया 
सोना हाथों से
कण-कण में बिखराया

           -रीमा दीवान चड्ढा

कितने दिन बीते हैं

कितने दिन बीते हैं
बतियाये तुमसे
मन के घट रीते हैं

        -अचला झा

है गंध हवाओं में

है गंध हवाओं में
देखो पसरा है
ऋतुराज फिजाओं में
 
        -राम सागर यादव